Monday 14 June 2021

Piles

        Piles बवासीर

बवासीर आज समानता वयस्कों में  लगभग 100 व्यक्तियों में 75 आदमी को यह बीमारी है। अपने घर परिवार में कोई न कोई एक सदस्य अवश्य पीड़ित है इस बीमारी से ।यह बीमारी कब्ज और गैस के कारण होती है।  पुरानी कब्ज और टाइट मल के कारण होता है ।मल त्याग  करते समय गुर्दा भाग पर बल पड़ता है।तो इन मल वाले क्षेत्रों की दीवारों को फैलाता है तो यह गुदा  और मलाशय की निचले क्षेत्रों के आसपास दबाव डालता है। मल कड़ा होने से इन भीतरी दीवारों को सलंग्न नसे में सूजन और जलन के साथ मल त्याग करता है पर इसके किसी एक उचित कारण नहीं है । इनके अधिक से अधिक कारण होते हैं। इस मल त्याग की समस्या का बार-बार होने से भी वह खुद के पास की त्वचा के नीचे मल  के निर्वहन के कारण तनाव होता है । जिससे piles  या बवासीर के रूप ले लेता है।

 बवासीर दो प्रकार के होते हैं ।

आंतरिक बवासीर------- यह मुख्य रूप से मल के मुंह वाले स्थान के अंदर पाया जाता है। प्रमुखता मलाशय निकलने के साथ खून बहना मल त्याग के दौरान तनाव आंतरिक रूप से धक्का देने से होता है । क्योंकि यह गुदा से गुजरते हैं जो निरंतर चलता रहता है यह लंबी अवस्था के वक्त के साथ दर्द नायक होता चला जाता है ।

बाहरी बवासीर  ---यह बाबासीर आमतौर पर मलद्वार के बाहरी त्वचा के नीचे पाया जाता है । मल के पास करते समय दबाव पर नसें से रक्त स्राव ह चालू हो जाता है।

बवासीर के लक्षण     

  मल त्याग के दौरान रक्त स्राव होना ।

 * अपने मल द्वार के पास गांठ जो दर्द नायक हो सकता है ।

*आपके मलद्वार के पास जलन होना ।

*मलद्वार लाल के साथ  दर्द होना ।

*मल  के दौरान  म्यूकस का होना ।

*आपके गुदा के आसपास खुजली या सूजन होना।

  बवासीर होने के कारण पेट में होने वाले कब्ज और गैस है ।

बवासीर ----जिससे मल करते समय जोर लगाने पर मलद्वार के पास जलन खुजली एवं दर्द का होना साधारण बात है ।जो आगे चलकर मल के साथ खून का स्राव होने लगता है ।इससे बवासीर या पाइल्स बोलते हैं कब्ज और गैस की शिकायत को दूर कर इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं ।

सावधानियां 

खाने पीने में मसालेदार भोजन जैसे मैदा, मांस, गर्म खाना ,मछली, मिठाईयां, खाने से बचें यानी पेट में कब्ज या गैस से दूरी बना करके रखें ।

सुझाव

 खाने के उपरांत या के साथ छाछ, जीरा और नमक का(लसी) प्रयोग करें ।इससे पेट में होने वाले कब्ज से छुटकारा मिलेगा और खानपान को नियमित रखें।

अधिक मात्रा में पानी का सेवन करें एवं खाली पेट ना रहे खाने को तीन-तीन घंटे के अंतराल से करें। 

बाएं हाथ  में माही मरियम नाम का पत्थर जो 15 से 20 रत्ती का हो अनामिका अंगुली में आप धारण करें।

Donna frank दोना फ्रैंक नामक पत्थर जो 10 रत्ती से ऊपर का ले और रात को एक गिलास पानी में उस  पत्थर को डाल दें । सुबह खाली पेट में आधे गिलास पानी को पी जाएं एवं आधा बचा हुआ पानी  को  साफ पानी डालकर उसे छोड़ दें ।और इसे नियमित रूप से लें आपके बवासीर में बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा।

पूरे विश्वास के साथ धारण करते करे ।90%  सर्जिकल और non-surgical  इलाज की तरह यह कारगर साबित होगा साथ खाने पीने पर संयम रखें।



आयुर्वेद में भी पाइल्स का अचूक दवा

जिस किसी रोगी को मलद्वार पर मासा हो गया हो उनके लिए :-

(1)अचूक दवा:- कपूर, नारियल का तेल एवं हल्दी को थोड़े-थोड़े मात्रा को मलहम के मिश्रण की तरह मिलाएं एवं मल द्वार पर दिन में दो से तीन बार एवं रात में दो बार लगा ले । यह दवा मलद्वार के मसा को धीरे-धीरे सुखाते हुए पूरे मसा को छोड़ देगा और पहले की तरह प्राकृतिक रूप से मलय द्वार को बना देगा।

(2)दूसरा पाइल्स के रोगियों के लिए अचूक दवा: कपूर  1 पीस केले में डालकर ले।

 केले की मात्रा इतना ले जिसमें कपूर को डालकर रोगी सुबह खाली पेट में उसे निगल जाए ।निकालने के उपरांत लगभग 1 घंटे तक भोजन या पानी का सेवन ना करें। यह औषधि 20 से 25 दिन तक नियमित रूप से सेवन  करें। ईश्वर की कृपा से आपकी बवासीर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

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