वन एवं वन्य जीव संसाधन
👍संकटग्रस्त या सुमेध प्रजाति से क्या समझते हैं ?
जब किसी प्रजाति की जनसंख्या इतनी कम हो कि उस प्रजाति के जीव कुछ समय बाद विलुप्त होने की संभावना हो तो ऐसी प्रजातियों के लिए सुमेध या संकटग्रस्त प्रजाति करते हैं ऐसे में सरकार इसे विशेष नीति के अंतर्गत संरक्षण प्रदान करती है।
जानवर। अस्तित्व विभाग। उद्यान
काला हिरण लुप्त। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान एशियाई हाथी। दुर्लभ नागरहोल अभयारण्य जंगली सूअर संकटग्रस्त पलामू कैमूर वन जीव हिमालयनभूराभालू सुमित ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय गुलाबी सिर वाली बत्तख स्थानिक सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान
👍जैविक विविधता किसे कहते हैं ?
जैव विविधता Bioऔर Diversity से बना है।Bio का अर्थ Livins जीवित वस्तुएं और Diversity का अर्थ विभिन्न प्रजातियां अर्थ अर्थ जीवो की विभिन्नन प्रजातियां अर्थात जीवो की विभिन्न्न प्रजातियां एक ही स्थान पर पाया जाना जैव विविधता कहलाता है।
👍जैव विविधता के प्रकार
अनुवांशिक इसमें एक प्रजाति के सदस्यों में जीन का अंतर पाई जाती है इसको नस्ल और उपजाति से प्रदर्शित किया जाता है।
👍 जातीय जैव विविधता
विभिन्न प्रकार के जीवन एवं पौधों की संख्या को जातीय जैवविविधता कहते हैं।
👍 जैव विविधता के हास का महत्वपूर्ण कारक प्रकृति का दोहन करना है ।
👍भारत में जैव विविधता के स्थल पूर्वी हिमालय एवं पश्चिमी घाट है ।
👍जैव विविधता भारत में कौन सा क्षेत्र हॉटस्पॉट है -अंडमान निकोबार
👍भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम कब पारित हुआ -11 दिसंबर 2002
👍 जैव विविधता दिवस मनाया जाता है -22 मई
👍सर्वाधिक जैव विविधता किस स्थान पर पाई जाती है -उष्ण कटिबंधीय वर्षा में एवं शांत घाटी में
👍 शांत घाटी का संबंध किस राज्य से है -केरल
जीव मंडल आरक्षित क्षेत्र हैं - अनुवांशिक विभिन्नता के कारण
👍 टुमारोज bio-diversity पुस्तक के लेखक कौन है -वंदना शिवा
जैव विविधता के हॉटस्पॉट
जिन क्षेत्रों या प्रदेशों में जीव जंतुओं पादपों की संख्या बहुत अधिक हो उसे मेगा डायवर्सिटी करते हैं इसका उदाहरण है ।भारत क्योंकि पूरे विश्व का क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत हिस्सा भारत का है और विश्व की कुल प्रतिशत में जीप जातियां का 8% भाग भारत में निवास करती है।
👍विश्व के कुल हॉटस्पॉट की संख्या 25 है जिसमें कुल जीव जंतु पादप का 20 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
भारत में केवल 2 Hot spots
पूर्वी हिमालय हॉटस्पॉट
पश्चिमी घाट हॉटस्पॉट
👍पूर्वी हिमालय हॉटस्पॉट -इसमें नेपाल ,असम ,भूटान ,सिक्किम का क्षेत्र शामिल है ।इसमें कई तरह के पुष्प पादप जंगली जंतु वरिष्ठ जन तू बहुत ही स्थानीय प्रजाति पाई जाती है।
👍पश्चिमी घाट हॉटस्पॉट -इसकी सीमा महाराष्ट्र केरल तमिलनाडु कर्नाटक के तटीय भाग शामिल है इस के पहाड़ी क्षेत्र में जंगल सदाबहार जंगल पाए जाते हैं ।
साइलेंट वैली तथा Amambalam रिजर्व क्षेत्र जो पश्चिमी घाट का दो मुख्य क्षेत्र है ।
वन्य जीवों का संरक्षण conserartion of wildife
👍इस प्रकार के संरक्षण के लिए भिन्न-भिन्न जातियां ,पादप ,पशु पक्षियों का संरक्षण उसके प्राकृतिक आवास के स्थानों पर करते हैं ।इसके अंतर्गत अभ्यारण राष्ट्रीय उद्यान आरक्षित जीवमंडल आते हैं।
राष्ट्रीय उद्यान। राज्य
भीतर्कणिका। उड़ीसा
गिर गुजरात
बांध गढ़, कान्हा किसली , मध्य प्रदेश
काजीरंगा ,मानस असम
नागरहोल ,राजीव गांधी कर्नाटक
कैवूल लामजाओ मणिपुर
जिम कार्बेट ,राजा जी उत्तराखंड
सुंदरवन राष्ट्रीय पार्क पश्चिम बंगाल
👍जंतु बिहार sanctuaries
केवलादेव घना पक्षी विहार - भरतपुर राजस्थान चिल्का झील पक्षी विहार उड़ीसा बालाघाट गोविंद सागर पक्षी विहार बिलासपुर हिमाचल प्रदेश सुल्तानपुर पक्षी विहार गुड़गांव
आरक्षित जीवमंडल Biosphere Reserves
बायोस्फीयर रिजर्व में स्थलीय समुद्री है और समुद्री क्षेत्र आते हैं इसमें जंगली जीव के साथ वन्यजीव में कुछ पौधों को भी संरक्षण प्राप्त होता है ।
भारत विश्व जैव विविधता संधि का सदस्य कब बना।-1984
काले हिरण के लिए प्रसिद्ध उद्यान - ब्लैकबक राष्ट्रीय उद्यान गुजरात
सफेद बाघों के लिए प्रसिद्ध उद्यान - बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश
एशियाई शेर के लिए राष्ट्रीय उद्यान -गिर राष्ट्रीय उद्यान गुजरात
एक सींग वाला गैंडा के लिए राष्ट्रीय उद्यान - काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम
देश का सबसे ऊंचा एवं बड़ा राष्ट्रीय उद्यान हेमिस राष्ट्रीय उद्यान लद्दाख में स्थित है
देश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान गिरी राष्ट्रीय उद्यान तमिलनाडु में
भारत का सबसे बड़ा बाघ अभ्यारण नागार्जुन बाघ अभ्यारण आंध्र प्रदेश
भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान जिसका पुराना नाम है हेली नेशनल पार्क है
काले हिरण के लिए प्रसिद्ध अभ्यारण विश्ननोइ अभ्यारण
भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र तमिलनाडु के मन्नार की खाड़ी है एवं सबसे छोटा जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र उत्तराखंड के नंदा देवी है।
👍भारत के जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र
सुंदरबन पश्चिम बंगाल
कंचनजंगा सिक्कम
नीलगिरी तमिलनाडु ,कर्नाटक ,केरल
ग्रेट निकोबार अंडमान निकोबार दीप समूह में
देहांग दीवाग अरुणाचल प्रदेश
पन्ना मध्य प्रदेश
शीत मरुस्थल हिमाचल प्रदेश
कच्छ का रण गुजरात
👍 वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में बनाया गया।
👍बाघ परियोजना प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत 1973 ईस्वी में
👍चिपको आंदोलन का संबंध वृक्षों की रक्षा से
👍 भारत के प्रमुख बाघ अभ्यारण
इंद्रावती छत्तीसगढ़
नामदफा। अरुणाचल प्रदेश
काजीरंगा असम
रणथंबोर सरिस्का राजस्थान
बांदीपुर ,भद्रा कर्नाटक
पेरियार केरल
नागार्जुन आंध्र प्रदेश
वाल्मीकि बिहार
टाडोबा अंधेरी , सहयाद्री ,बोर- महाराष्ट्र
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के रूप में जानते हैं।
पक्के टाइगर रिजर्व कहां स्थित है ?---अरुणाचल प्रदेश
दिहेग पटकई नेशनल पार्क किस राज्य में स्थित है?--- अरुणाचल प्रदेश
मोरवा जनजाति का संबंध किस राज्य से है ?-----अरुणाचल प्रदेश
प्रोजेक्ट एलिफेंट कार्यक्रम की शुरुआत 1972 में हुआ
वैसी बंजर भूमि और जिसका स्वामित्व व्यक्तियों और समुदायों का होते हैं अवर्गीकृत वन कहलाता है।
भारत का प्रथम राज्य कौन सा है जिसने संयुक्त वन प्रबंधन का प्रस्ताव रखा था। उड़ीसा
जिसकी जनसंख्या कम हो सुमेध या संकटग्रस्त प्रजातियों या दुर्लभ प्रजाति के अंतर्गत आते हैं उसे सुमेध या संकटग्रस्त प्रजाति के नाम से जानते हैं।
रक्षक मेखला का निर्माण वनो के घास के कारण नहीं होता है।
बढ़ती जनसंख्या विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई खनन स्थानांतरण की खेती वन्य प्राणी तथा वनस्पति हास्य के लिए मानव इस तरह उत्तरदाई है।
वन को 3 वर्ग में बांटा गया आरक्षित वन ,रक्षित वन , औऱ अवर्गीकृत वन
संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय की भूमिका होती है ।इसमें गांव स्तर पर संस्थाएं बनाई जाती है।ग्रामीण एवं सरकार की संयुक्त प्रयासों के प्रबंधन से संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
भारत में पाए जाने वाले जीव जंतु के कई श्रेणी में बांटा गया है ।
सामान्य जातियां- इस श्रेणी के अंतर्गत जीवित रहने के लिए सामान्य अनुकूलन वर्तमान में मौजूद है ।गाय ,भैंस कुत्ता, चूहा ,घोड़ा ,चीड़, साल इत्यादि ।
संकटग्रस्त प्रजातियां -ऐसी प्रजाति जिनकी संख्या तेजी से घट रहा है ।अगर वक्त रहते उनके लिए अनुकूलन आश्रित नहीं बनाई गई तो यह लुप्त हो जाएंगे । इनका चुनाव चीन लगाया गया है एवं इन जंतुओं को संकटग्रस्त प्रजाति में श्रेणी में रखा जाता है। डॉल्फिन ,एशियाई हाथी ,एक सींग वाला गैंडा इत्यादि।
दुर्लभ जातियां - इस श्रेणी में इसका पारिस्थितिकी माहौल को अनुकूलन नहीं बनाया गया तो आने वाले कुछ समय में इन जातियों लुप्त हो जाएगा ।रेगिस्तानी लोमड़ी , एशियाई भैंस ,भूरा भालू हिमालयन प्रजाति का इत्यादि।
स्थानिक जातियां -ऐसी श्रेणी में रखी गई है जिसमें प्राकृतिक एवं भौगोलिक सीमा के अंतर्गत कुछ खास जीव खास क्षेत्र में पाए जाते हैं। जैसे निकोबारी कबूतर ,अरुणाचल के मिथुन इत्यादि l
लुप्त जातियां -इस श्रेणी में वैसे पशु पक्षी हैं ।जिनका मूल निवास स्थान की पता लगने पर भी वह उस स्थान पर नहीं पाए गए हैं ।इन्हें लुप्त जाति की श्रेणी में रखा गया है ।जैसे गुलाबी सिर वाली बत्तख, एशियाई चीता इत्यादि।
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Regional comprehensive economic partnership
Nice sir
ReplyDeleteBest hai
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