तालिबान ने क्यों किया पाकिस्तानी पुलिस पर हमला
तालिबान शब्द हालिया के दिनों में बहुत चर्चा का विषय बना हुआ है यह मूल रूप से तालिबान शब्द का अर्थ है छात्र जो अफगानिस्तान में अपने शासन करते हुए पूरे अफगानिस्तान पर शरीयत कानून के हिसाब से देश चलाना चाहता जिसमें यह लगभग कामयाब होता हुआ दिख रहा था । पाकिस्तान ने 1996 ईस्वी में तालिबान को अफगानिस्तान में शासन करते हुए मान्यता प्रदान किया ।वह ऐसा करने वाला विश्व का प्रथम देश था।
इसी तरह पाकिस्तान में तहरिक-ऐ- तालिबान नामक संगठन या संघ की स्थापना 2007 ईस्वी में हुआ। जब तालिबान समर्थक लड़ाके रूस और अमेरिका जैसे देश को घुटनों पर ला दिया। तहरीक-ए-तालिबान जो पाकिस्तान समर्थक हैं उन्हें ऐसा लगा कि तालिबान तो हीरो हो गया हमें तो कुछ मिला ही नहीं हम भी थोड़ा जोर आजमाइश कर लेते हैं ।इस बीच में यह पाकिस्तान से सटे हुए जो अफगानिस्तान का डूरन्ड रेखा क्रॉस करता है उस पर इसका पकड़ मजबूत है या इसके कब्जे में है यह मैं नहीं कह रहा हूं यह न्यूज़ अल जजीरा में छपा हुआ शीर्षक से पता चलता है जो कुछ इस तरह का था।
Taliban claims capturing key Afghanistan
barder crossing whith pakistan: अल जजीरा
यहां तहरीक-ए-तलिबान के कब्जे वाले स्टेट में शरिया कानून लागू करना चाहता है ।
दूसरी तरफ आतंकी आका की सरकार है जो लोकतंत्र चाहिए पर इन्होंने 1996 में तालिबान का समर्थन किया कि जो कुछ कर रहा है। तालिबान अच्छा कर रहा है तो यह बीच में फस गए ।
इधर पाकिस्तानी सेना जो दिन रात चीनी वर्कर, नेता,पुलिस के संरक्षण में लगे रहते हैं । तब तहरीक-ए-तालिबान को दुश्मनी चीनी,पाक सेना से ही किया ।
पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी को तहरीक-ए-तालिबान उसे जहां देखता है बस मार देता है। आए दिन पाकिस्तान में बम ब्लास्ट होना आम बात रह गया है पर आतंकी आका इसका ब्लेम सीधे भारत के ऊपर दे देते हैं उधर इसकी जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान उठा लेता है ।अभी हाल ही का खबर 22 अप्रैल को एक होटल के सामने बम ब्लास्ट में 4 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई जिसका सीधे भारत ब्लेम कर दी गई ।
अभी अभी ताजा न्यूज़ मिल रहा है पाकिस्तान के खैबर पख्तून प्रांत में प्रतिबंधित आतंकवादी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानी समर्थक आतंकवादी जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक ऑपरेशन में सुरक्षाबलों पर एक बड़े हमले में पाकिस्तानी सुरक्षा बल के 15 सुरक्षाकर्मी समेत एक कैप्टन रैंक का अधिकारी अब्दुल बासित को14/7/2021को शहीद कर दिया।
पर पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर तालिबान के द्वारा की गई हमले को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तानी सैनिक के अपहरण की खबर छापी गई । हालांकि पाकिस्तानी आका को 9 सैनिक के हताहत होने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सवाल होता है कि आतंकी आका क्यों नहीं बोल रहे हैं?
यहां सोचने वाली बात है की आतंकी आंका का हमेशा यह दिखाने में लगे होते हैं कि हमारे सैनिक कभी मरता ही नहीं है। यानी अपनी सैनीक को चीन की तरह बढ़ा चढ़ा कर पेश करते हैं पर इसका खुलासा तब हुआ जब अब्दुल वासीत मेजर जनरल शहीद होने पर उनके घर वालों की सूचना दी गई एवं अलग-अलग सोशल मीडिया के जरिए इसका पता चला कि खैबर पख्तून में पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मी 15 सैनिक शहीद हो गए ।
चीन,पाकिस्तान का काशगर से झिनझियांग के लिए पाकिस्तान का अति महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट cpec के गलियारों में इंडस नदी पर दासू डैम को बनाने के लिए विश्व बैंक की सहायता से 4 ॰2 bilian डॉलर की लागत से बन रहा डैम जो लोन के रूप में पाकिस्तान लिया है एवं डैंप में लगने वाले मजदूर ,कारीगर यह सभी चीन की है ।यानी पैसा विश्व बैंक से आ रहा है और जा रहा है चीन में ।
पाकिस्तान को कुछ मिल नहीं रहा है और 13/7/2021अभी कुछ समय पहले एक बस में विस्फोट होने से 9 चीनी मजदूर एवं दो पुलिसकर्मी सहित दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है ।एवं इनकी मृत्यु की संख्या और बढ़ भी सकती है यह बम ब्लास्ट कोहिस्तान नामक जगह पर हुआ है जो दासु डैंप के करीब है।
इधर पाकिस्तानी मीडिया मे छपे हुए न्यूज़पेपर में लिखा है
12 Dead in pak bus Blast :chin says
Bombing "islamabad says "Gas leak "
इधर चीन के ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में लिखा है ।
Developing china urges pakistan to severely
Punish 'bus attackers after blast kill 13'
Including nine chinese nationals
उधर चीन में छपे ग्लोबल टाइम्स में लिखा है।
अब पाकिस्तान को तालिबान का समर्थन देना खुद को पैरों में कुल्हाड़ी मारने जैसा हो गया। आए दिन जहां देखिए दो-चार दिन के अंतराल पर बम ब्लास्ट होता रहा है यह तहरीक-ए-तालिबान समर्थक आतंकवादी कर रहे हैं जो पाकिस्तान पर भी शरिया कानून के अंतर्गत शासन चाहते हैं ।अभी इमरान आका का दुकान बंद हो जाने के कगार पर यह लोकतंत्र बनाम शरिया कानून है जो इमरान आका, सेना और तहरीक-ए-तालिबान से अलग-अलग विचारों से चलने वाला आतंकी स्तान है ।
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