Saturday, 8 May 2021

भारतीय रेल का सिकुड़ता हुआ पहचान


    •        भारतीय रेल का सिकुड़ता हुआ पहचान

भारतीय रेल   - क्या रेलवे का निजीकरण करना रेलवे के लिए फायदे का सौदा होगा


भारतीय रेलवे को निजीकरण करने संबंधी संसद के द्वारा लाए गए प्रस्ताव से रेलवे को प्रत्यक्ष तौर पर 30,हजार करोड रुपए तक निवेश को बढ़ावा देना है। और यात्रियों को बेहतर रेल सुविधाएं प्रदान करना है जिसका फायदा आम भारतीयों को मिलेगा।

मुझे नहीं लगता क्योंकि रेलवे का यह प्रयोग निजी ट्रेन ऑपरेटर एवं रेलवे के बीच विवाद बन कर रह जाएगा ।क्योंकि इस विवाद को सुलझाने के लिए कोई अन्य संस्था कार्य नहीं कर रही है नहीं कोई नियामक है railway को निजी करण करने से पहले रेगुलेटर(नियामक)नियुक्त करना होगा।

क्या रेलवे के निजीकरण करने से रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगा

मुझे नहीं लगता इससे पहले आईआरसीटीसी ने विशेष पर्यटक

रेलगाड़ियों को निजी कंपनियों को देकर प्रयास railway पहले ही कर चुका है ।जो कामयाब नहीं हुआ । बाद में रेलवे को खुद ही चलाना पड़ गया वर्तमान में आईआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस चला रही है जो राजधानी एक्सप्रेस से महंगा है जब निजी कंपनियां ट्रेन चलाएगी तो यात्रियों को रियायत नहीं मिलेगी पर सुविधा को लेकर रेलवे बार-बार बोल रहे हैं। ऐसी कौन सी सुविधा निजी कंपनियां देगी जो मौजूदा परिदृश्य में रेलवे नहीं दे पा रही है ।बस सुविधा के नाम पर टिकट की दरों में बेतहाशा वृद्धि कर दी जाएगी ।एक तरह railway का मुख्य मकसद रेल यात्रा कराना है ।जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर सस्ती, शुगम, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा कराना होता है। वर्तमान ट्रेन  एवं निजी ट्रेन से दूसरी रूट पर ट्रेन की रूट दूसरी ट्रेन की प्रतिद्वंदिता मिलेगी और ट्रेन की किराया में बेतहाशा वृद्धि से हवाई यात्रा की प्रतिद्वंदिता का सामना होगा।
जहां भारतीयों को एक तबका इतना गरीब है कि अपनी रोजी-रोटी की खोज में एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में रेल की यात्रा से जाते हैं और उनका 1 महीने के मिलने वाले वेतन निजी कंपनियों के रेल यात्रा जैसे तेजस एक्सप्रेस से एक बार आना जाना भी नहीं हो पाता तो ऐसे में सवाल उठता है कि वर्तमान में ऐसी रेल क्या सुविधा नहीं देती है जो निजी कंपनियां सुविधा दिलाएगी एवं जो रेल यात्रियों को संजीवनी प्रदान करने की कृपा करेगी।

क्या रेलवे का निजीकरण लोक कल्याण के लिए  हितकारी होगा
रेलवे के निजीकरण का प्रस्ताव में सिर्फ रेलवे कर्मचारियों के हित में ही नहीं वरन यात्रियों की जेब पर भी इसका सीधा असर होगा ।जो ट्रेन किराए का 43% सब्सिडी यात्रियों को मिलती है जो नहीं मिलेगी ।ऐसे में गरीब एवं मध्यम वर्ग की यात्रियों का बोझ बढ़ेगा या घटेगा आप खुद समझ सकते हैं।

क्या रेल यात्रियों को अधिक सुविधाएं प्रदान होगी

रेलवे निजीकरण में अच्छी सेवाएं मिलेगी ऐसा सरकार का कहना है। हम सीधा एक उदाहरण पेश करते हैं ।आप उदाहरण के तौर पर देख रहे हैं कि रेलवे में कैटरिंग तो पहले से ही आईआरसीटीसी के हाथ में है यह  रेलवे मे  सेवा देने की निजी कंपनी है आप इनके बेहतर सुविधा से क्या लोग संतुष्ट हैं।

क्या रेलवे के निजी करण से रेल कर्मचारियों को फायदा होगा

Railway के निजीकरण होने से कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा में कटौती होगी ।रेलवे बड़ी संख्या में कर्मचारियों को रोजगार प्रदान करती है ।जो निजीकरण होने से कर्मचारियों पर शोषण को और बढ़ाएगा ।अगर लाभ भी होता है तो लाभ निजीकंपनियों को होगा ।जो जनहित के काम में नहीं लगेगा। 

भारतीय रेल के 12 क्लस्टर रियल नेटवर्क में बांटा है और इन कलस्टर में 109 रूट पर इतनी ही जोड़ी निजी रेलगाड़ियां सन 2023 ईसवी में निजी रेल सेवाओं के जरिए प्रत्येक ट्रेन में कम से कम 16 कोच  के साथ संचालन करना प्रस्तावित है।

Railway की निजीकरण railway के कर्मचारियों पर भी असर होगा। अफसरशाही बढ़ेगी जिसमें रेलवे कर्मचारियों का शोषण को बढ़ावा मिलेगा। रेलवे की संपत्तियों का दोहान अधिक होगा। railway के द्वारा लाखों  विद्यार्थियों को इतना पारदर्शिता के साथ रोजगार के अवसर मुहैया नहीं होगा। रेलवे की  कर्मचारियों के हित में ना होकर निजी कंपनियों के हित में नियामक होंगे।

आने वाले आगामी दशकों  में रेल किराया एवं गाड़ी की पार्किंग  मे  बेतहाशा वृद्धि होगी। जिससे गरीब एवं मध्यम वर्ग के आम आदमी का रेल यात्रा के लाभ से वंचित होना पड़ेगा ।इस तरह से प्रतिदिन रेल की यात्रा से शायद कम करके भारतीय रेल में होने वाले भीड़ को कम करने का शुगम तरीका railway निकाला है।

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