सर्दी में हृदय संबंधी रोग का होना
अपने दिनचर्या में सर्दी के समय होने वाले दिल की बीमारी के बारे में बात करेंगे। जिस तरह से हमारे खान-पान बदल गए हैं उसी तरह से ठंड के दिनों में होने वाले दिल की बीमारी मे भी बढ़ोतरी हुआ है एक सर्वे के मुताबिक सर्दियों के मौसम में दिल की बीमारी बढ़ जाती है जीता जागता उदाहरण कार्डियोलॉजिस्ट हॉस्पिटल जाने के उपरांत आप पाएंगे की 40 परसेंट रोगी बहुत मात्रा में हॉस्पिटल के बेड पर मिलेंगे। जो पहली बार दिल के मरीज बनकर हॉस्पिटल में पहुंच रहे हैं इन की औसत उम्र 40 वर्ष होंगे कारण अनेक है।
सर्दी के मौसम में ब्लड प्रेशर कम -ज्यादा होता रहता है इसीलिए दिल की बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है इतना ही नहीं सर्दी के मौसम में जो धड़कन है उनकी नसी पहले से कम हो जाना यानी सिकुड़ जाना। जिससे रक्त के प्रवाह में कमियां एवं शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा पहुंचना है ।दूसरी तरफ शरीर को टेंपरेचर बनाए रहने के लिए अधिक ऑक्सीजन की सप्लाई चाहिए दिल की बीमारी होना लाजमी है ।
हार्ट अटैक की समस्या से बचाव के लिए या दिल की बीमारी से बचने के लिए कुछ जरूरी बचाव के बारे में चर्चा करते हैं।
●"सुबह -शाम हार्ट संबंधी रोगी को ठंडी में बाहर ना निकले।
●"छाती में ठंडी हवा ना लगने दे क्योंकि हवा लगने से छाती में इसकी दिल की नारियों को सिकुड़ जाने की खतरा बना हुआ रहता है ।
●"देर रात तक सैर सपाटा ना करें।
●" अपने कमरे से या घर से एकाएक बाहर ना निकले ना ठंडे पानी से स्नान करें।
●"नहाने के तुरंत बाद घर से नहीं निकले।
●" अक्सर ठंड में लोग जल्दी-जल्दी स्नान करते हैं इसे दिल की धड़कन बढ़ जाती है और एनजाइना मे दर्द हो जाताहै ।
●" एक बात और अक्सर देखा गया है गर्मी के दिनों की अपेक्षा ठंडी के दिनों में ब्लड प्रेशर का बढ़ जाना दिल की बीमारी का खास कारण समय-समय पर ब्लड प्रेशर के नियमित जांच करें।
Q सवाल होता है इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?
मैं कुछ घरेलू टिप्स देते हैं जो आम जिंदगी में इनकी खास भूमिका होगी और दिल के रोगी बनने से बच जाएंगे।
●" अगर आपको मधुमेह है एवं ब्लड प्रेशर है तो अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराते एवं दवा लेते रहे
●" सर्दियों में हार्ट पेशेंट को निमोनिया का खतरा रहता है साल में सर्दी के मौसम होने पर सुबह शाम आग ताप ने का काम अवश्य करें यह आपका दिल की बीमारी को दूर करने में 100% कारगर उपाय है।
●" कब्ज और गैस ना हो इसके लिए खानपान को दुरुस्त रखें के लिए तेलीय एवं मसालेदार भोजन का उपयोग ना करें।
●" अब चाहे तो कब्ज( पेट को निरोग रखने) के लिए आंवले का उपयोग नियमित रूप से कर सकते हैं।
●" सर्दियों में गाजर, चुकंदर और सेव खाना बहुत लाभदायक है इनमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पेट के साथ में हर्ट से भी बचाव करेगा।
●सर्दियों के मौसम में खट्टे फल से ब्लड सरकुलेशन को सुरक्षित बनाए रखता है संतरा, मौसमी, , पाइनएप्पल आंवला इत्यादि।
●" खून को संतुलन रखने के लिए एवं पेट के कब्ज को दूर रखने के लिए हरी सब्जियों का सेवन खूब करें।
●" ठंडी में अधिक ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल ना करें।
●"संभव हो तो हरी सब्जियों को सूप बनाकर अवश्य लें
●एक सबसे अहम बात अगर दिल की बीमारी से बचना है तो 3बातें ज्यादा ध्यान दे ना होंगा ।
(1) नाभि में नियमित रूप से गाय का घी का लगाना
(2) सुबह शाम 20 से 25 मिनट आग तापना
(3) ठंडे को हल्के में ना लें एवं ना ठंडी से जबरदस्ती ।ठंडी का कपड़ा अवश्यय पहन के रखे क्योंकि दिल की बीमारी के लिए कोई जरूरी नहीं कि आप बुजुर्ग हो यह बीमारी 20 साल से लेकर बुजुर्ग तक कभी भी किसी भी समय हो जाएगी।
ठंडी के दिनों में कार्डियोलॉजिस्ट हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीजों में सभी स्वस्थ व्यक्ति ही अचानक दिल के बीमारी से पीड़ित होते हैं और 8 - 10 दिन भर्ती, सभी जांच होने के उपरांत पता चलेगा इन को दिल की बीमारी का कारण,, ठंड के दिनों में सांस लेने वाली नसे सिकुड़ जााना है ।
डॉक्टर : बाद में पता चलेगा ऐसा कुछ नहीं हुआ था थोड़ा दिल में दर्द हुआ । एक दिन heart अटैक आते-आते आप लोक सुधार जाएंगे।
नाभि में कभी भी गाय का घी नहीं लगाना। दिल के मरीज बनने का एक और कारण। घी अपनी विशेषताओं के लिए जाना जाता है इनके गुण को सरल शब्दों में वर्णन करना नाइंसाफी होगी।
100% हार्ट पेशेंट से
बचने के लिए ::आग तापना , नाभि में देसी गाय का घी लगाना, सब्जियों को सूप बना कर लेना, कपड़ों को दुरुस्त रखना, ठंडी के साथ जोर जबरदस्ती ना करना, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना....
●दिल की बीमारी से दूर रखने के अचूक उपाय है ।
डायबिटीज के साथ हृदय रोग होना
आजकल दिल के बीमारी के साथ डायबिटीज रहना आम बात है। होता यूं है कि डायबिटीज आपको हुआ है एलोपैथिक दवा के हिसाब से आप परहेज के साथ अब दवा का सेवन नहीं कर रहे हैं । आप जो दवा लेते हैं उसकी मात्रा बढ़ती जाती है और शरीर की क्षमता कम होती जाती है ।जो पर्याप्त दवा के साथ सिस्टम पूरा नहीं कर पाता और कोलेस्ट्रोल के साथ एक नई बीमारी को जन्म देता है। वह है हिर्दय रोग
मधुमेह वाले रोगी को आयुर्वेद के हिसाब से रात में 25 ग्राम मेथी को फुलने( मेथी को पानी के साथ) के लिए रखें। मेथी के पानी को पी कर सुबह टॉयलेट के लिए जाएं एवं बचे हुए मेथी को नमक या गुड़ के साथ चबा चबा कर सेवन करें।
(1)राइस मिल के चावल का इस्तेमाल ना करें पॉलिश के कारण उसका फाइबर लॉस हो जाता है।
(2)चावल पकाने के लिए कुकर का इस्तेमाल कभी न करें।
(3) चीनी से बने हुए किसी भी प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करें।
(4) आलू का सेवन ना करें ।
(5) अल्कोहल या ध्रुमपान का इस्तेमाल ना करें।
(6) सुबह में पूरे कपड़े पहन कर नियमित रूप से व्यायाम करें ताकि पसीना शरीर से बाहर आए ये आपकी उम्र को नया धार देगा ।
Note:- आंवले का सेवन आधा भोजन करने के उपरांत ले एवं उसके बाद भोजन करें।
या , गिलोय ( अमृत वटी), गुलमर्ग का भी प्रयोग कर सकते हैं । इनका प्रयोग करते समय ध्यान रहे कि डायबिटीज अधिक होने पर ही इनका प्रयोग करें और आयुर्वेद में मात्रा और बीमारी का तालमेल सही होना चाहिए । इसका लाभ बड़ा ही सर्वोत्तम है जो आपको लंबी उम्र प्रदान कर सकता है।
चेतावनी:-
एक बार में कभी भी भरपेट भोजन ना करें ।जितना आप खाते हैं । उससे थोड़ा कम खाएं और खाने के बीच में लंबा गैप ना रखें।
ठंड के दिनों में जोड़ों का दर्द होना
अक्सर ठंड के दिनों में जोड़ों में दर्द हो जाना आम बात है। खासकर किसी चोट या गठिया वात की बीमारी हो तब तो जोड़ों के दर्द का कहना ही नहीं , बढ़ती उम्र के साथ भी जोड़ों में दर्द होना आम बात है। यह दर्द खासकर सुबह में सोने के बाद आप चलना प्रारंभ करते हैं। उस समय तो दर्द और भी ज्यादा तेज हो जाता है ।
पढ़ें , अमल करें एवं अपने संबंधियों तक पहुंचाएं
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