Wednesday 2 December 2020

President Reading Bell

                          भारतीय संविधान

        भारतीय राष्ट्रपति का पद एवं निर्वाचन 

हमारे यहां दो स्तर पर सरकार की व्यवस्था है ।   (1) संघ (2) राज्य 

संघ स्तर पर जो सरकार बनती है उस कार्यपालिका का जो एक हेड होता है वह राष्ट्रपति कहलाता है यह भारतीय संविधान में एक वरिष्ठ एवं सबसे सर्वोच्च पद से जाना जाता है।

" भारत का प्रथम नागरिक -राष्ट्रपति 

"संघ की कार्यपालिका का प्रधान -राष्ट्रपति

वास्तव में यह अपनी शक्तियों का प्रयोग बहुत कम करते हैं

NOTE = कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान कौन होता है        -प्रधानमंत्री( इसमें वास्तविक शब्द से जवाब बदल जाएगा)

                 अनुच्छेद 52 राष्ट्रपति का पद

इसमें राष्ट्रपति का पद की जानकारी दी गई है कार्यपालिका का एक हेड होगा जिसे राष्ट्रपति के नाम से जाना जाएगा।

                   अनुच्छेद 53 कार्य एवं शक्ति


कार्य एवं शक्ति -राष्ट्रपति जो महत्वपूर्ण पद है  जो कार्यपालिका का हेड है इसे बहुत से कार्य एवं शक्ति प्रदान किया गया है ।

       अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति का निर्वाचन


राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष विधि से है प्रत्यक्ष विधि में जनता सीधे तौर से नेतृत्व करके चुनाव करती है जैसे सांसद ,विधायक, मुखिया 

लेकिन अप्रत्यक्ष विधि का उदाहरण है   -राष्ट्रपति 

इसमें सांसद, विधायक इसका चुनाव करते हैं,।

"निर्वाचक मंडल - तात्पर्य है राष्ट्रपति की चुनाव में भाग लेने वालों को निर्वाचक मंडल कहते हैं।

      Q:  निर्वाचक मंडल में कौन भाग लेता है?

"लोकसभा ,राज्यसभा, विधानसभा सभी राज्य, दिल्ली ,पांडुचेरी एवं वर्तमान के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू एंड कश्मीर में भी विधानसभा  में निर्वाचित सदस्य ही  वोट कर सकते हैं ।

केंद्रीय स्तर पर लोकसभा राज्यसभा को वोट देने का अधिकार है राज्य में विधानसभा बाले को भी वोट देने का अधिकार है ।

"केवल निर्वाचित सदस्य ही वोट देने का अधिकार  हैं।

" विधान परिषद जो केवल 7 राज्य में है इनको इसमें वोट देने का अवसर नहीं दिया जाता है

 निर्वाचक मंडल -यानी राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने वाले सदस्य लोकसभा ,राज्य सभा, विधान सभा राज्य वाले सभी ,दिल्ली पांडुचेरी और अभी में जम्मू कश्मीर

           अनुच्छेद 55 निर्वाचन की रीति

राष्ट्रपति की निर्वाचन  बिल्कुल अलग है।

यह समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली राष्ट्रपति के  लिय  चुनाव होता है।

संघ अर्थाथ देश ,   राज्य  अर्थार्थ विधानसभा

दोनों को सामान्य अधिकार वोट देने का मिलता है चुकी संघ में लोकसभा एवं राज्यसभा के कुल वोट 766 है और राज्यों में विधान सभा के सदस्यों की संख्या 4120 होता है क्या यह दोनों सामान्य अवसर देते हैं सभी  राज्यों की कुल सदस्य संख्या अधिक हो जाएगा और संघ की वोट कम हो जाएगा ।इसीलिए यह मत रखा गया कि दोनों का मत बराबर रखा जाए।

(1)=

वोट वैल्यू=  उस राज्य की कुल जनसंख्या      × 1                                     उस राज्य के विधानसभा के     × 1000

                        कुल निर्वाचित सदस्य

1000 से भाग्य का तात्पर्य है की कुल जनसंख्या को विधानसभा के कुल निर्वाचित सदस्य को भाग देने से आंकड़े का अंक छोटा हो जाए जिससे मतदान के आंकड़े दिखाने में छोटा और सुगम हो जाय । और इस तरह से विधायक का वैल्यू सभी राज्य का एक समान हो जाता है

(2)

एक सांसद का मत =   कुल विधायक का मत मूल्य/

                                निर्वाचित सांसदों की संख्या

नोट=1/1000 से गुना या भाग नहीं करना है 

 लोकसभा में 533 सदस्य 

राज्यसभा में 233 सदस्य 

कुल मतों की संख्या 766 निर्वाचित सदस्य कुल वोट डालते हैं।

यहां कोशिश यह किया गया कि विधायकों की  मूल्य कम  किया जाए। इस तरह केंद्र का 766 मत का मूल्य लगभग एक समान होता है दोनों मिलाकर एक समान दोनों का मत  10 लाख के ऊपर संघ,+ राज्य के कु ल मत आता है जो राष्ट्रपति का निर्वाचन में भाग लेते हैं इसमें 

"सामान आनुपातिक प्रणाली में भाग लेता है संघ एवं राज्य का मत बराबर होता है।

"एकल हस्तांतरण मत पद्धति या इसे एकल संक्रमणीय मत पद्धति कहते हैं

"एकल  अर्थार्थ एक,               हस्तांतरण अर्थात देना,

 एकल मत पद्धति,  एक व्यक्ति पूरे विधानसभा के बदले (जिस विधान सभा से जीता है )  जो वोट देता है उसे कहते हैं ।

"याद रखें एकल हस्तांतरण मत पद्धति,या  एकल संक्रमणीय मत पद्धति है।

"राष्ट्रपति के चुनाव का दो शब्द अप्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान द्वारा चुनाव होता है।

इस प्रणाली में सांसद और विधायक गुप्त मतदान के द्वारा वोट देते हैं राष्ट्रपति का जीत के लिए निश्चित संख्या है ।50% +1

अनुच्छेद 55 रिती या वरीयता क्रम

यह रीति में माना कि 4 प्रत्याशी खड़ा है उसमें दोनों को वोट दिया लेकिन जो सबसे कम वोट लाया वह पहले चरण में बाहर हो जाएगा अब तीन प्रत्याशी को सभी मिलकर वोट दिया इसमें भी कम वोट वाले बाहर हुआ यह प्रक्रिया तब तक चलता रहता है जब तक 50% + 1 नहीं आ जाए अगर एक बार कीबोर्ड में 50% + 1 हो जाए तो दूसरी बार वोट करना ही ना पड़े यह है निर्वाचन की पद्धति अनुच्छेद 55 बताता है।

अनुच्छेद 56 पदों कि अवधि

"कार्य अवधि जिस दिन राष्ट्रपति शपथ लेते हैं वह दिन से 5 वर्ष तक का कार्यकाल होता है ।

"राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र   - उपराष्ट्रपति को देते हैं।

          अनुच्छेद 57 राष्ट्रपति का पुनर निर्वाचन

एक व्यक्ति जितनी बार राष्ट्रपति के लिए खड़ा हो सकता है या कितनी भी बार राष्ट्रपति बन सकता है इसकी कोई तय सीमा नहीं है

            अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति की योग्यता

(1)"भारत का नागरिक हूं 

(2)उम्र 35 वर्ष की आयुपुरा  कर लिया हो अधिकतम उम्र तय नहीं है

(3) लोकसभा सदस्य बनने योग्य हो 

(4)किसी लाभ के पद पर ना हो यानी गवर्नमेंट जॉब नहीं करता हो।

इतनी योग्यता तो भारत के 60% लोगों में है यानी एक ऐसी शर्त है जिससे राष्ट्रपति का पद के उम्मीदवार के लिए अलग करता है।

"(5)कम से कम निर्वाचक मंडल में 50 सांसद या विधायक सदस्य प्रस्तावक और 50 अनुमोदक के रूप में चाहिए यानी कि 100 की संख्या का सफर करने पर ही राष्ट्रपति के उम्मीदवार  होंगे।

यानी राजनीतिक लोग ही राष्ट्रपति बन सकती हैं

100निर्वाचक मंडल का साथ होगा तभी तो जीतने के लिए राष्ट्रपति का पर्चा भर सकते हैं।

" राष्ट्रपति के चुनाव में 15000 जमानत राशि होती है ।

"यह आरबीआई के पास सरकारी खजाने में जमा करनी होती है।

" जीतने के बाद यह वापस हो जाता है।

"कूल बैद्य नाथ मत 1/6 नहीं मिलता है तो जमानत राशि जप्त हो जाता है।

           अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति का शपथ

राष्ट्रपति     -मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेते हैं ।मुख्य न्यायाधीश नहीं रहने पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश शपथ दिलाते हैं।

    अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति पर महाभियोग

संविधान के अनुकरण करते हुए शासन नहीं करते या संविधान का उल्लंघन करते हैं तो राष्ट्रपति के विरुद्ध संसद में महाभियोग लाते हैं यह दोनों सदन में किसी में लाया जा सकता है महाभियोग लाने से 14 दिन पहले राष्ट्रपति को सूचना दिया जाता है अगर राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र दे देते हैं तब यह प्रक्रिया बंद हो जाता है 

अगर नहीं देते हैं तो  इसे लोकसभा में पास करने के बाद राज्यसभा में पास होता है फाइनली राष्ट्रपति को महाभियोग के तहत हटा दिया जाता है।

"यदि राष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी किसी तरह की विवाद सुप्रीम कोर्ट में चलाया जाता है।

" अचानक राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र दे देते हैं या मृत्यु हो जाए तो उनके बदले उपराष्ट्रपति कार्य करते हैं  जो अधिकतम 6 महीने तक कार्य कर सकते हैं 6 महीने में राष्ट्रपति का चुनाव कराना अनिवार्य है

        " राष्ट्रपति का चुनाव


की जिम्मेदारी किसका होता है -                    -निर्वाचन आयोग का

आगे के लेख में राष्ट्रपति की शक्ति के बारे में        


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