भारतीय संविधान
अनुच्छेद 53 - राष्ट्रपति की शक्तियों
Q:राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का प्रयोग कैसे करेंगे
संविधान मैं कहा गया है कि वह अपनी शक्तियों का प्रयोग अपने अधीनस्थ की सहायता से राष्ट्रपति शक्तियों का प्रयोग करते हैं।
कार्यपालिका के रूप में शक्ति
नियुक्ति की शक्ति राष्ट्रपति कार्यपालिका के हेड होने के नाते कई संवैधानिक पदों की नियुक्तियां करते हैं EX -प्रधानमंत्री की नियुक्ति, प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद की नियुक्ति, वित्त आयोग ,सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति ,CAG चुनाव आयोग, राज्यों के राजपाल इत्यादि
कार्यपालिका के अंतर्गत नियुक्ति का अधिकार
"अंतर राज्य परिषद का गठन अनुच्छेद 263 राष्ट्रपति के द्वारा होता है।
" वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति के द्वारा होता है वित्त आयोग अनुच्छेद 280 के तहत
" किसी क्षेत्र को अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने का अधिकार राष्ट्रपति का है तथा इसके बाद एक प्रशासनिक व्यवस्था की जाती है यह सव कार्यपालिका के अधीन शक्ति प्राप्त है।
" SC,ST,OBC के आयोग का गठन राष्ट्रपति के द्वारा ही की जाती है।
" वित्त आयोग क्या है -संघ एवं राज्य के करों का निर्धारण करना यानी राज्यों का कितना हिस्सेदारी देना है इसका सुझाव वित्त आयोग करता है।
"15वें वित्त आयोग का गठन किया गया जिनका अध्यक्ष-- N ॰K सिंह
प्रमुख विधायी शक्तियां
"संसद का अभिन्न अंग हमारे राष्ट्रपति महोदय होते हैं "संसद के तीन अंग होते हैं लोकसभा, राज्यसभा एवं राष्ट्रपति
"कोई बिल या कोई भी कानून राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही संपूर्ण पारित माना जाता है।
"कुछ बिल ऐसे होते हैं जिस पर राष्ट्रपति महोदय को पहले हस्ताक्षर किया जाता है और कुछ बिल पर राष्ट्रपति बाद में हस्ताक्षर करते हैं।
"वह बिल जिस पर पहले हस्ताक्षर किया जाता है EX उदाहरण के लिए- संचित निधि से धन की निकासी का विधेयक, धन विधेयक ,संविधान संशोधन विधेयक "राष्ट्रपति के पहले हस्ताक्षर पर पारित माना जाता है।
" अनुच्छेद 123 अध्यादेश जारी करने की शक्ति
जब कोई भी बैठक नहीं चल रहा है ।(लोकसभा एवं राज्यसभा) तो राष्ट्रपति उस पर हस्ताक्षर कर कानून बनाते हैं।तो राष्ट्रपति को एक विधायिका की शक्ति प्राप्त है।
"संसद को संबोधित करने की शक्ति राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण विधायी शक्ति में गिनी जाती है।
" संसद में सत्र बुलाने, सत्रावसान करने या लोकसभा को भंग करना (अनुच्छेद 85) के तहत यह सभी शक्तियां राष्ट्रपति को विधायी शक्ति के अंतर्गत प्राप्त है।
वित्तीय शक्ति
" धन विधेयक पर राष्ट्रपति की सहमति के बाद लोकसभा में पेश करने से पहले ही हस्ताक्षर करते हैं।
" धन विधेयक पहले लोकसभा में पेश होते हैं।
" कोई विधेयक है धन विधेयक है या नहीं यह निर्णय लोकसभा अध्यक्ष लेते हैं।
आकस्मिक निधि
आकस्मिक निधि जिसमें पूरी तरह से कार्यपालिका का यानी राष्ट्रपति के अधीन होता है अनुच्छेद 267
संचित निधि का वर्णन -अनुच्छेद 266
"प्रत्येक वर्ष अनुच्छेद 112 के तहत राष्ट्रपति महोदय "सरकार को वार्षिक वित्तीय विवरण को संसद में पेश करने को कहते हैं प्रत्येक वर्ष वित्तीय विवरण को बजट के नाम से जानते हैं।
न्यायिक शक्ति
"अनुच्छेद 72 के तहत क्षमादान की शक्ति प्राप्त है इसमें किसी अपराधी कि अपराध को कम या ज्यादा करने की शक्ति राष्ट्रपति महोदय को प्राप्त है।
"राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेने की शक्ति है अनुच्छेद 143 के अंतर्गत।
" सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट की नियुक्ति कौन करता है -राष्ट्रपति
सैन्य शक्ति
"तीनों सेना (थल ,जल ,वायु )के अध्यक्ष कौन हैं- राष्ट्रपति
"राष्ट्रपति महोदय देश के संकट के साथ युद्ध एवं शांति की घोषणा करने का अधिकार प्राप्त है।
आपात शक्तियां
" अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपात
"अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति शासन लगाने तथा
"अनुच्छेद 360 के अंतर्गत वित्तीय आपात
ए तीनों शक्तियां राष्ट्रपति को प्राप्त है।
"पर यह शक्तियां का इस्तेमाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर कर सकते हैं एवं इसे वापस लेते हैं।
" अनुच्छेद 352 का प्रयोग तीन बार हुआ है 1962 चीन और भारत के युद्ध के दौरान, 1971 भारत और पाकिस्तान युद्ध, 1995 सर्वोदय आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय आपात लगाया गया।
"वित्तीय आपात अनुच्छेद 360 जो भारत में आजादी से लेकर अब तक कभी भी नहीं लगाया गया।
बिटो की शक्ति अनुच्छेद 111
इसे पॉकेट वीटो भी कहा जाता है यदि कोई भी राष्ट्रपति के पास पहुंचता है तो उनके पास तीन अधिकार प्राप्त हैं ।(1)पहला या तो उस पर हस्ताक्षर कर दें(2) या तो हस्ताक्षर ना करके पुनर्विचार के लिए लौटा दें (3)या बीटो के अंतर्गत वह अपने पास सुरक्षित रख ले कितने दिन तक जिसकी कोई सीमा नहीं है यह शक्ति को बिट्टू पावर के नाम से जाना जाता है।
स्वयं विवेक की शक्ति
"कुछ ऐसे शर्त भारतीय संविधान में बनाया गया है कि यदि उस समय राष्ट्रपति की सहायता के लिए कोई ना हो तो राष्ट्रपति वह स्वयं निर्णय लेते हैं कि क्या करना चाहिए यह शक्ति स्वयं विवेक शक्ति कहलाती है।EX लोकसभा में कोई दल को बहुमत नहीं मिला तो यह निर्णय राष्ट्रपति लेते हैं कि( प्रधानमंत्री बनने की शक्ति )अपने स्वविवेक के जरिए निर्णय लेते हैं कि बहुमत कौन प्राप्त कर सकता है।
आगे के लेख में उपराष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को पढ़ेंगे।
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