Friday 4 December 2020

Vice president of india

 भारतीय संविधान में   उपराष्ट्रपति का पद

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत में एक उपराष्ट्रपति का पद होगा यह अमेरिका के संविधान से लिया गया पद है ।संविधान के अनुकूल ही भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति एवं दूसरा नागरिक उपराष्ट्रपति होता है।

 

उपराष्ट्रपति  पद का प्रावधान


पद   - अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत में एक उपराष्ट्रपति पद का सृजन के लिए है।


कार्य   - भारतीय संविधान में अनुच्छेद 64 का संबंध राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति काम करेंगे।

       योग्यता

       निर्वाचन 

  निर्वाचक मंडल

               शपथ 

            त्यागपत्र

           कार्यकाल

कर्तव्य  -यदि राष्ट्रपति अपने पद पर नहीं होंगे तो उपराष्ट्रपति ही राष्ट्रपति कार्य का निर्वहन करेंगे ऐसा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 70 में वर्णित है। और उनका किया गया काम मान्य होगा।

 उपराष्ट्रपति के लिए योग्यता

"भारत का नागरिक हो ।

 "35 वर्ष की आयु पूरा किया हो ।

"राज्यसभा में चुने जाने योग्य हो  

-किसी लाभ के पद पर नहीं हो यानी सरकारी नौकरी नहीं करता हो।

" 20 प्रस्तावक एवं 20 अनुमोदक निर्वाचन मंडल से होनी चाहिए।


Q: उपराष्ट्रपति के चुनाव में निर्वाचक मंडल कौन कौन होते हैं लोकसभा एवं राज्यसभा = संसद( सभी निर्वाचित सदस्यों सहित दो एल्गो इंडियन एवं 12 मनोनीत) सदस्य उपराष्ट्रपति के लिए वोट डालतेे हैं


उपराष्ट्रपति का शपथ


" उपराष्ट्रपति भारत के राष्ट्रपति के समक्ष अपना शपथ लेते हैं।

" उपराष्ट्रपति किसी भी कारण से अपना त्यागपत्र  किसे देते हैं  = राष्ट्रपति को

" राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र किसे देते हैं = उपराष्ट्रपति को


उप राष्ट्रपति को हटाने का नियम


उपराष्ट्रपति अपनी इच्छा अनुकूल भी त्यागपत्र दे सकते हैं या हट सकते हैं।

"संविधान के नियमों का उल्लंघन करने पर राज्यसभा में उनके लिए एक प्रस्ताव पेश करना होगा जिसके14 पहले उपराष्ट्रपति को सूचना मिलनी चाहि।

" राज्यसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद लोकसभा में 2/3मत ( बहुमत)के साथ बिल पास होने पर ही उपराष्ट्रपति को अपने पद से हटाया जा सकता है।

" उपराष्ट्रपति को अपने पद से हटाने के लिए सबसे पहले राज सभा में प्रस्ताव पास करना होगा।

उप राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य


"(1)उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति के रूप में कार्य करेंगे।

(2) यदि राष्ट्रपति कि किसी भी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेंगे

"राष्ट्रपति कप्तान धारण करते हैं तो वह लोकसभा के अध्यक्ष की तरह शक्ति समाहित हो जाते एवं राष्ट्रपति पद के लिए वेतन एवं सुविधाएं मिलने लगते हैं।

" जब वह राष्ट्रपति बन जाते हैं तो राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य नहीं करते।

Note उपराष्ट्रपति का वेतन राज्यसभा के सभापति के लिए मिलता है ना कि उपराष्ट्रपति के लिए।


उपराष्ट्रपति का चुनाव


"उपराष्ट्रपति का चुनाव संबंधी किसी भी विवाद का फैसला सुप्रीम कोर्ट में लिया जाता है।

"निर्वाचक मंडल -"उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने वाले सदस्यों को निर्वाचक मंडल कहते हैं।


"उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा के सभी निर्वाचित सदस्य एवं दो एंग्लो इंडियन तथा राज्य सभा के सभी निर्वाचित सदस्य एवं 12 मनोनीत सदस्य भी वोट देने का अधिकार प्राप्त है।


उपराष्ट्रपति की शक्तियां


"यदि राज्यसभा में किसी भी बिल पर 50-50 का  मत  होंगे तो उपराष्ट्रपति को  शक्ति प्रदान किया गया है  जिसमें निर्णायक मत देने का अधिकार प्राप्त है । पर

"किसी भी बिल पर राज्यसभा में प्रस्ताव पास कराने , एवं वोट देने के अधिकारों में उपराष्ट्रपति को वोट देने का अधिकार प्राप्त नहीं है।


उपराष्ट्रपति का चुनाव


 "उपराष्ट्रपति के चुनाव पर कोई भी विवाद का फैसला सुप्रीम कोर्ट में लिया जाएगा।

"सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने तक उपराष्ट्रपति के द्वारा किया गया कार्य सभी मान्य होंगे ।

"उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करवाता है -चुनाव आयोग

"उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्ष होता है-5 वर्ष   

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