ईरान न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसीन फाखरीजादेह का
हत्या
परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह ईरान परमाणु कार्यक्रम के जनक थे ।ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फाखरीजादेह की तेहरान में हत्या कर दी गई ।
कुछ कूटनीतिक नजर रखने वाले कहते हैं तो पता चल रहा है कि ईरान का नंबर वन दुश्मन इजराइल है ।अमेरिका से भी ईरान के रिश्ते ठीक नहीं चल रहा है ।ताजा हत्या ने एक बार फिर अशांत कर दिए। 27 नवंबर 2020 को हुई हत्या का आरोप इजराइल पर लगाते हुए बदला लेने की बात कहीं जान कर रहा है। ईरान का बिग्रेडईयर जनरल- हाशमी ने जानकारी दिया है कि फायरिंग के जरिए उन को निशाना बनाया गया है ।ईरान के पूर्वी -क्षेत्र में उनकी 3 -बुलेट प्रूफ कार के काफिला मे चुनकर एक को निशाना बनाया। सोचिए एक दुश्मन देश में इतने बड़े रणनीतिक साइंटिस्ट की हत्या किया हुआ । है ना यह बहुत बड़ी बात जिस किसी ने यह किया होगा
उसका पाला सिया ऐसे देश जो अपनी सेना , इंटेलिजेंस के माध्यम , तुर्की जो दूसरे देशों के हथियार से दुनिया को धौस जताता रहा है कि हम मुस्लिम देश के खलीफा बनूंगा और जो अपने 72 साल में जितना परमाणु बम नहीं बनाया होगा उतना हम दिवाली में पटाखा फोड़ देते हैं ।
वह देश मिलकर ऑटोमन साम्राज्य बनाने की सोच रहा है। उधर ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड जो दुनिया को अपनी ताकत दिखाने वाले ,अपने न्यू टेक्नोलॉजी के रिसर्च सेंटर के 4 महान वैज्ञानिकों के साथ ,उसका मुखिया मोहसीन फाखरी जादेह सहित एक -एक कर गीदड़ की मौत मारा गया है। इजरायल द्वारा अंजाम दी गई ऐसा ईरान कहता है।
जो भी हो यह घटना को अंजाम दिया हो वह पेशेवर और मानसिक तौर पर यह घटना करने वाले की महानता को दर्शाता है उधर तुर्की, लेबनान, फिलिस्तीन सभी ने ईरान का समर्थन करते हुए अमेरिका और इजराइल का हाथ बताया है इस घटना ने ईरान के परमाणु विज्ञान और तकनीक क्षेत्र की तरक्की को बड़ा धक्का लगा है। ईरान इस वैज्ञानिक पर विशेष सुरक्षा इंतजाम किया था इधर ईरान अब यहूदी को निशाना बनाएगा। गाजा में हमले तेज करेगा और इजराइल के हितों को चोट पहुंचाएगा।
जानकारो को कहना है की ट्रंप प्रशासन की विदाई के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान के परमाणु कार्यक्रम फिर से बहाल कर सकते हैं इसीलिए इस हत्याकांड के अंजाम दिया गया है कि नया वाइडन प्रशासन के रिश्ते सुधारने की कोशिश परवान न चढ़े ।इधर ईरान के सुप्रीम नेता -अयातुल्लाह अली खमेनेई ने धमकी देते हुए कहा है कि दोषियों को सजा मिलेगी। फिलहाल ईरानी एजेंसी जांच में जुट गई है ।उधर ईरान के टॉप कमांडर- कासिम सुलेमानी की आग शांत भी नहीं हुआ की टॉप वैज्ञानिक घायल कासिम को जब लोगों ने अस्पताल मे ले जाया गया। वहां बिजली भी काट दी गई थी ।
वो कितना सफल रणनीति का प्लान होगा। सोचने से दिमाग घायल हो जाता है मोहसिन को रेफर कर दिया ।तेहरान ,रास्ते में जाते समय कासिम ने दम तोड़ दिया। कुछ खबरों की मानें तो 12 हत्यारे पकड़े गए हैं ।
इससे हम लोगों को सीख लेनी चाहिए ।भारत देश तोड़ने वालों शाहीन बाग एवं दिल्ली के दंगों को कराने वाले को पता भी नहीं लगा पाते ।उधर इजरायल और इंडिया की दोस्ती का बखान करते थे नहीं थकते है । उधर मोसाद जैसा खुफिया दुश्मन देश में घुसकर कैसे दुश्मन की ढेर कर देते हैं ।इनसे सीखो , इधर हम अपनी बखान खाली न्यूज़ के TRP ढ़ाने में खर्च कर देते हैं।
जो करने वाले होते हैं वह मैदान मार कर चले जाते हैं ।पर हमारी सरकार शाहीन- बाग ,दिल्ली दंगा में PFI , ईरान, पाकिस्तान ,और चीन का भी हाथ था । न जाने किन -किन का हाथ था और हम हाथ पर हाथ डालकर बैठे हैं और उधर मोसाद दुश्मन को चुन चुन कर कहीं भी किसी भी देश में मार देता है इन घटनाओं से सरकार को सीखना चाहिए ।
उधर सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है ।सऊदी अरब के तेल टैंकरों पर हुए हमले का जिम्मेदार ईरान को बताया जा रहा है और इस तरह इजराल और सऊदी अरब की दोस्ती अपने हितों को लेकर आगे बढ़ रहा ।सऊदी अरब के तेल टैंकरों की सुरक्षा ब्रिटेन के आर्मी ने ले ली ।ब्रिटेन आर्मी ने गुपचुप तरीके से शिफ्ट हो गए हैं किसी की कानों -कान भनक तक नहीं लगी ।फरवरी से ही सऊदी अरब के 15 ठिकानों पर पैर जमा दिया है जो आधुनिक हथियारों और एंटी मिसाइल से लैस है ।
बात है वर्तमान में हुए हत्या को लेकर ईरान सऊदी अरब से भीड़ सकता है । या रिश्ते तलब होगी। इधर सऊदी अरब ईरान के परमाणु कार्यक्रम से भयभीत है ईरान शिया बहुल देश है जबकि सऊदी अरब सुन्नी बहुल देश है इन दोनों की जमती नहीं है । एक नजर ईरान की भौगोलिक दशा पर।
इस्लामिक गणराज्य- ईरान की सरकार
हमले से किस तरह बच पाएगा इजरायल । ईरान संयुक्त राष्ट्र,अमेरिका के कड़े प प्रतिबंध से ईरानी रियाल अब तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया वहां की अर्थव्यवस्था पूरी तरह नष्ट हो गई। तेल व्यापार भी नष्ट हो गया। इसी साल प्रतिबंध से बाहर निकल सकते है
Best hai lge rho
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