Saturday, 21 November 2020

Magnetic effect of electric current

          विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव

" धारावाही चालक अपने चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है

" मैक्स वेल के दक्षिण हस्त नियम के अनुसार यदि धारावाही चालक को दाएं हाथ की मुट्ठी में इस प्रकार पकड़ा जाए कि अंगूठा धारा की दिशा की ओर संकेत करता हूं तो हाथ की अंगुलियां चुंबकीय क्षेत्र की दिशा व्यक्त करती है।

" सीधी धारा के कारण चुंबकीय क्षेत्र की रेखाएं वृत्ताकार होती है जिससे केंद्र धारावाहिक तार पर होते हैं।

" विद्युत मोटर ,विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

" फ्लेमिंग का वाम हस्त का नियम= यदि बाएं हाथ का अंगूठा तर्जनी और मध्यमा परस्पर समकोण बनाए जाते हैं तो तर्जनी क्षेत्र की दिशा को इंगित करता है ।एवं मध्यम धारा की दिशा को तथा अंगूठा बल की दिशा को इंगित करता है।

" परिनालिका विद्युत रोधक चालक तार की लंबी बिल नाकार कुंडली को कहते हैं परिनालिका जिस पदार्थ पर लपेटा हुआ होता है उसे क्रोड  कहते हैं।

" जब कुंडली और चुंबक के बीच आपेक्षिक गति होती है तब कुंडली में विद्युत धारा प्रेरित होती है इस प्रभाव को ही हम विद्युत चुंबकीय प्रेरण करते हैं।

" फ्लेमिंग के दक्षिण हस्त नियम= दाहिने हाथ के अंगूठे तर्जनी और मध्यमा को परस्पर समकोण बनाते हैं तब तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को और अंगूठा गति की दिशा को और मध्यमा धारा की दिशा को इंगित करेगी फ्लेमिंग के दक्षिण हस्त नियम कहलाता है।

" डायनेमो यांत्रिक  ,= यांत्रिक ऊर्जा को (विद्युत चुंबकीय प्रेरणद्वारा) विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।

" विद्युत शक्ति संचरण में ऊर्जा की हानी को कम करने के लिए उच्च विभवांतर का व्यवहार होता है।

" घरेलू परिपथ में उपकरण, विद्युत तार और उदासीन तार के बीच समांतर श्रेणी में जुड़ा रहता है।

"स्विच तथा फ्यूज हमेशा लाइव तार  (जीवित तार  )मे लगाए जाते हैं।

"    फ्यूज  =विद्युत परिपथो  मे सामान को जलने  से बचाव के लिए सबसे आवश्यक सुरक्षा युक्ति फ्यूज है।

"विद्युत फ्यूज आधारित होता है धारा के उष्मीय प्रभाव पर 

" प्राथमिक रंग है      =   लाल, ब्लू, हरा

" घरेलू वायरिंग में 3 तार होते हैं गर्म ,ठंडा ,अर्थ इन तारों का रंग =    लाल ,काला, तथा हरा

" घरेलू उपयोग के लिए विद्युत विकी आपूर्ति सप्लाई कितने वोट पर होती है  = 220 V , 50Hz 

" विद्युत जनित्र का सिद्धांत आधारित होता है  = विद्युत चुंबकीय प्रेरण पर

" विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते हैं  = जनित्र

" किसी विद्युत धारावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र इसके पीछे की ओर जाने पर घटता है

" किसी विद्युत धारावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र इसकी सिरे की ओर जाने पर सदैव घटता है।

" विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव सबसे पहले किसने खोज =ओसटेरड

"सर्वप्रथम किसने यह प्रमाणित किया कि किसी धारावाहिक चालक पर चुंबकीय क्षेत्र बल कार्य करता है= फैराडे

"सदैव चुंबकीय धारा विद्युत चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है

"दिकपरिवर्तक ,डीसी मोटर की  कुंडली में धारा की दिशा को बदल देता है।

" माइक्रोफोन  =यह ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है।

" विद्युत परिपथ में ऊर्जा कुछ है होने की दर को शक्ति कहते हैं इसका मात्रक वाट है ।

" श्रेणी क्रम में संयोजित प्रतिरोधों का समतुल्य प्रतिरोध समस्त प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है।

" ओ आम मीटर विद्युत धारा को एंपियर में मापने के लिए आम मीटर का प्रयोग होता है इसे हमेशा श्रेणी क्रम में लगाते हैं।

" एक आदर्श अमीटर का प्रतिरोध हमेशा सुन्य  होना चाहिये।

" विद्युत फ्यूज का मिश्रण= टिन 63% और सीसा37%

या सदैव श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है इन का गलनांक भी बहुत कम होता है सुरक्षा कवच है जो उपकरण को जलाने से बचाते हैं।

" विद्युत धारा = किसी चालक में विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को ही विद्युत धारा कहते हैं। विद्युत  धारा की दिशा धन आवेश की गति की दिशा की ओर होती है इसका एसआई मात्रक एंपियर है और यह एक अदिश राशिहै ।

" ट्रांसफार्मर =विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर काम करता है । जो उच्च A C  वोल्टेज को निम्न A C  वोल्टेज में एवं निम्न A C  वोल्टेज को उच्च A C  वोल्टेज में बदल देता है यह प्रत्यावर्ती धारा (A •C  )के लिए प्रयुक्त होता है


Physics

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