Monday, 23 November 2020

Great indian Railway


                   सबसे ऊंची रेलवे लाइन    


भारतीय रेल पहले भी बहुत से कीर्तिमान बनाए हैं ।आज हम बिलासपुर लेह रेलवे लाइन के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं।

भारतीय रेल देश की संस्कृति एवं विरासत की समृद्ध धरोहर रही है, ।देश में पहली बार30km  सुरंग के भीतर रेल के स्टेशन बनेगा ।जो ब्रॉडगेज 1,67 6 मिलीमीटर का होगा ।इससे पहले मेट्रो में बनकर तैयार हुआ था। पड़ोसी देश चीन की सीमा तक पहुंचने वाले भारतीय रेल ने नई दिल्ली और लद्दाख तक की बीच की दूरी पर कम समय में तय करने के लिए रेलवे पटरी बिछाने की योजना पर कार्यरत है ।जो बिलासपुर मनाली लेह रेलवे लाइन हिमाचल प्रदेश की चीन सीमा के पास की समुद्र तल से ऊंचाई 3000 मीटर है यह सामरिक दृष्टिकोण से इसका महत्व बढ़ जाता है ।यह रेलवे लाइन काफी फायदा कमाकर के रेलवे को तो नहीं दे सकती लेकिन देश का एक हिस्सा लद्दाख जो साल के 6 महीना बर्फ गिरने के कारण देश के संपर्क से कट जाता है । यह एक दुर्गम इलाका है  जहां  परिवहन के लिए सड़क रेलवे लाइन  बिछाना बहुत ही  कीमती एवं  तकनीकी रूप से इसकी टेक्नोलॉजी काफी चैलेंजिंग हो जाता है ।आए दिन भारत एवं चीन की तनाव को देखते हुए सैनिकों चीन सीमा के करीब पहुंचने के लिए रेलवे विकास योजना पर काम चल रहा ।  

रेलवे लाइन में सुरंग के अंदर बनने वाला केलानग देश का पहला रेलवे स्टेशन होगा। इनके सारे काम सेटेलाइट्स  एवं भूमि सर्वे के द्वारा हुआ है  ।इस योजना पर  2010 - 12 के दरमियान अमल मे लाया गया  था ।पर कार्य 2016 से तेजी से चल रहा है। इसमें 74 टनल होंगे एवं 124 बड़े पुल 396 छोटे छोटे पुल होंगे। 30स्टेशन होंगे


       विश्व की सबसे ऊंची रेलवे लाइन       ।

वर्तमान में सर्वाधिक ऊंचाई पर बिछाई गई पटरी चिंगहई - तिब्बत रेल मार्ग का, रिकॉर्ड चीन के नाम है ।यह समुद्र् तल  से 2000 मीटर की ऊंचाई पर है

लेकिन अब विश्व की सबसे ऊंची रेलवे लाइन बिलासपुर मनाली लेह रेलवे लाइन होगा यह बहुप्रतीक्षित ऊंचाई वाले सभी मौसम में कार्य करने वाले रेल लाइन प्रस्तावित ब्रॉडगेज रेलवे लाइन होगी यह भारत में लद्दाख केंद्र द्वारा शासित प्रदेश लेह से हिमाचल के बिलासपुर को रेलवे लाइन से जोड़ने की योजना पर निर्माण योजना है जो 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। कुल  458 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाने का खर्च 83360 करोड़ लागत आएगा जिसमें रक्षा विभाग का भी इस परियोजना पर अनुदान राशि सहयोग कर रही है।

पटरी -  1676mm              ऊंचाई      -    5359 M 

ट्रैक      -458 किलोमीटर      टनल         -74

बड़ा पुल    -124                   छोटा पुल       -396

इस रेलवे लाइन को बन जाने से दिल्ली से लेह तक की यात्रा 40 घंटे से घटकर 20 घंटे हो जाएंगे और भारी-भरकम सामान हो या सैनिकों का आने- जाने या पर्यटक की दृष्टि से भी और सुरक्षा की दृष्टि से यह बहुत अहम होगा। पर्यटक उद्योग भी काफी फलने-फूलने की संभावना है ।फ्रांस के साथ बातचीत चल रही है आने वाले वक्त कितना विकास कर पाता है इसके लिए इंतजार करना होगा । दुर्गम पहाड़ियों ,टनल  ,बर्फ  ,रेल की अद्भुत  डिजाइन , पर्यटकों कोो लुभाने का कोई कसर बाकी है नही होगा ।वहीं चीन की दुखती हुई नब्ज़ को दबाकर चीन को सर दर्द देगा।


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