Sunday 22 November 2020

Constitution of india

                                                                  डॉ भीम राव   


                      भारतीय संविधान


संविधान= जिसके माध्यम से किसी देश को सुचारू रूप से चलाया जाता है अर्थ ऐसी लिखित पुस्तक जो शासन चलाने में सहायक हो ।

"संविधान सरकार ,समूह ,न्यायालय, इन संगठनों के बीच सामंजस विश्वास व तालमेल  बैठता हो ।

भारतीय संविधान सभा = कैबिनेट मिशन की संस्तुति के आधार पर भारतीय संविधान की निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई 1946 में किया गया था।

" संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित किया गया था जिसमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों की प्रतिनिधि और 93 देसी रियासतों के प्रतिनिधि थे।

" कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार 1946 ईस्वी में संविधान सभा का चुनाव हुआ कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्वाचित 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए इसमें कांग्रेस को 208 मुस्लिम लिंग को 73 एवं 15 दलों के तथा स्वतंत्र उम्मीदवार निर्वाचित हुए।

" 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित काउंसिल चेंबर के पुस्तकालय भवन में हुआ सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थाई रूप से अध्यक्ष चुना गया मुस्लिम लीग ने इस बैठक का बहिष्कार किया और पाकिस्तान के लिए बिल्कुल अलग संविधान की मांग कर दी।

नोट : संविधान के निर्माण में देश में हुए चुनावों की तरह हमारा प्रतिनिधित्व किसी ने नहीं किया बल्कि यह कांग्रेस की चुनी गई प्रतिनिधि थे एवं विरोधियों का नाम मात्र के प्रतिनिधि।

" हैदराबाद एक ऐसी देसी रियासत थी जिसकी प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए।

" प्रांतो और देसी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा में प्रतिनिधि दिया गया था जो (10 लाख की आबादी की जगह 1प्रतिनिधि थे)

" प्रांतों के प्रतिनिधि मुक्त जनसंख्या के आधार पर विभाजित किया गया था यह समुदाय थे मुस्लिम सिख और साधारण।

" संविधान सभा में ब्रिटिश प्रांतों के 296 प्रतिनिधियों का विभाजन सांप्रदायिक आधार पर किया गया 213 सामान्य वर्ग 79 मुसलमान तथा 4 सीट सीख

" संविधान सभा के सदस्यों में अनुसूचित जनजाति की  संख्या थी  -33

" संविधान सभा में महिलाओं की संख्या -9

" 22 जनवरी 1947 को उद्देश प्रस्तावना प्रस्तावना की स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त किया

" 3 जून 1947 की योजना के अनुसार देश का बंटवारा हो जाने पर भारतीय संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 324 निश्चित की गई जिसमें 235 स्थान प्रांतों के लिए और 89 स्थान देसी राज्यों के लिए थी

" संविधान सभा की प्रमुख समितियां एवं उनकी अध्यक्ष

संचालन समिति                डॉ राजेंद्र प्रसाद

संघ संविधान समिति        पंडित जवाहरलाल नेहरू

प्रांतीय संविधान समिति     सरदार वल्लभभाई पटेल

प्रारूप समिति                  डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

झंडा समिति                    जेबी कृपलानी

संघ शक्ति समिति              पंडित जवाहरलाल नेहरू

" संविधान के प्रारूप का कुल 114 दिन बहस चली थी

" संविधान को जब 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया तब इसमें 22 भाग 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी वर्तमान समय में संविधान में 25 भाग 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां हैं।

कैबिनेट मिशन 1945 ईस्वी के प्रस्ताव पर गठित अंतरिम मंत्रिमंडल

" जवाहरलाल नेहरू   = कार्यकारिणी परिषद के उपाध्यक्ष एवं विदेशी मामले तथा राष्ट्रमंडल के अध्यक्ष

" बल्लभ भाई पटेल         =     गृह  सूचना तथा प्रसारण

" बलदेव सिंह                          =रक्षा  विभाग

" जॉन मथाई                          =उद्योग और आपूर्ति 

" सी राजगोपालाचारी              =शिक्षा विभाग

" c.h. भाव                       = कार्य खान एवं बंदरगाह विभाग


" राजेंद्र प्रसाद                   =खाद्य एवं कृषि विभाग

" आसिफ अली                   = रेलवे विभाग

" जगजीवन राम                       =श्रम विभाग

" लियाकत अली खान            = वित्त विभाग

"अब्दुल रब नश्तर                        = संचार विभाग

" संविधान सभा का अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।

" Note = 26 जुलाई 1947 को गवर्नर जनरल ने पाकिस्तान के लिए पृथक संविधान सभा की स्थापना की घोषणा कर दी।


"सैद्धांतिक रूप से निर्णय का माध्यम शक्तियों पर प्रतिबंध आकांक्षाओं तथा लक्ष्यों को पूरा करना इसका उद्देश्य है और यह अराजकता को  रोकता है ।

"संविधान राष्ट्र शासन प्रणाली का आईना जैसे प्रस्तावना संविधान का दर्पण है।

Q :भारतीय संविधान में किन-किन देशों को प्रधानों को शामिल किया गया ।

भारतीय संविधान  कुछ विदेशी स्रोत

(1) ब्रिटिश संविधान यह संविधान के अंतर्गत  = संसादमक  शासन प्रणाली , एकल नागरिकता एवं विधि- निर्माण प्रक्रिया

"सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव को जीत का फैसला

" सरकार का संसदीय स्वरूप

" कानून के शासन का विचार

" विधायिका के अध्यक्ष का पद और उसकी भूमिका

" कानून निर्माण की विधि

      " संयुक्त राज्य अमेरिका

मौलिक अधिकार ,न्यायिक पुरवा लोकन ,संविधान की सर्वोच्चता ,न्यायपालिका की स्वतंत्रता ,निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग ,वित्तीय आपात ,उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने की विधि ,उपराष्ट्रपति का पद, अमेरिका के संविधान से लिया गया विशेष प्रावधान है

     ।" आयरलैंड    - नीति निर्देशक सिद्धांत, आपातकालीन उपबंध ,राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में साहित्य विज्ञान कला तथा समाज सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन ,राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था

"जर्मनी = आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्ट्रपति के मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां जर्मनी के संविधान से लिया गया है।

"कनाडा= एक अर्द्ध- संघात्मक सरकार अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के स्वरूप

"जापान= विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया

"रूस =  मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान

"दक्षिण    =अफ्रीका संविधान संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान

 Q भारतीय संविधान के कार्यों का वर्णन

"संविधान का पहला कार्य है कि बुनियादी नियमों का एक ऐसा समूह लब्ध कराएं जिससे समाज के सभी सदस्यों के बीच एक अच्छा संबंध में एवं विश्वास बनाए रखें।

  "  समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी यह संविधान ही तय करता है कि सरकार कैसे निर्मित हो विधान का पहला कार्य है कि वह बुनियादी नियमों का एक ऐसा शब्द कराएं जो समाज में सदस्यों के बीच एक अच्छा संबंध में एवं विश्वास बनाए रखें।

" सरकार द्वारा नागरिकों को लागू किए जाने वाले कानूनों की सीमा तय करें यह सीमाएं इस रूप में मौलिक होती है कि सरकार कहीं उसका उल्लंघन नहीं कर सकती।

" वह सरकार को ऐसी क्षमता प्रदान करें कि वह जनता की आकांक्षाओं को पूरा कर सके और एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए उचित परिस्थितियों का निर्माण कर सकें।


     Q हमें एक संविधान की आवश्यकता क्यों है

हमें संविधान की आवश्यकता का निम्न कारण

(1) निर्णय लेने की शक्ति की विशेषताओं के लिए

(2) समाज की आकांक्षा और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए

(3) राष्ट्र की बुनियादी पहचान के लिए

Q   भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ।

भारतीय संविधान की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और फिर 14 अगस्त 1947 को भारत का विभाजन के पश्चात संविधान सभा के रूप में इसकी पुनः बैठक 1935 में स्थापित प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा प्रत्यक्ष विधि से संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव हुआ ।संविधान सभा की रचना लगभग उसी योजना के अनुसार हुई जिसे ब्रिटिश मंत्रिमंडल की समिति कैबिनेट मिशन ने प्रस्तावित किया था ।संविधान को बनाने में लगभग 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन का समय लगा और 26 नवंबर 1949 को पूरा किया गया।

Q  संविधान की सर्वोच्चता से आप क्या समझते हैं

"संविधान की सर्वोच्चता से अभिप्राय यह है कि कोई संस्था या सरकार का कोई भी अंग जैसे विधान पालिका कार्यपालिका एवं न्यायपालिका संविधान से ऊपर नहीं है यह सभी अपनी शक्तियों और क्षेत्र अधिकारों के लिए संविधान पर निर्भर करती है।

Q  लचीला व कठोर संविधान से आप क्या समझते हैं

" लचीला संविधान से अभिप्राय है कि जिस संविधान में सरल प्रक्रिया से परिवर्तन किया जा सके उसे लचीला संविधान कहते हैं ।

कठोर संविधान से अभिप्राय है कि संविधान में सरल प्रक्रिया से परिवर्तन नहीं किया जा सके उसे कठोर संविधान करते हैं।

Q संविधान का स्वरूप किस प्रकार का है।

" संविधान सभा का गठन सांप्रदायिक आधार पर किया गया था मुस्लिम ने मुस्लिम को चुना और सीखने सीख को अन संप्रदाय वर्ग भी शामिल थे संविधान सभा की अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को अपनाया संविधान सभा केमे कांग्रेस की प्रमुखता थी। तथा विरोधी दल के सदस्यों की संख्या नाम मात्र की थी।

" 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का अधिवेशन आरंभ हुआ डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को अस्थाई तौर पर अध्यक्ष चुना गया पर दिनांक 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा के स्थाई डॉ राजेंद्र प्रसाद को चुना गया।

"और प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रुप में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर निर्वाचित हुए ।

" 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया ।इस उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान सभा में 22 जनवरी 1947 को स्वीकार कर लिया स्वतंत्र भारत के संविधान की प्रस्तावना भी उन्हीं उद्देश्यों पर आधारित थी ।

"22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया।

"इस संविधान में 395 अनुच्छेद 22 भाग तथा आठ सूचियां थी 26 नवंबर 1949 को यह संविधान स्वीकार किया गया इससे बनने में 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन लगे जो विभिन्न मुद्दों की 8कमेटियां बनी थी  ( कहीं-कहीं पर 7इसमें लिखा हुआ मिलेगा)

" संविधान सभा ने भारत के लिए संसदीय शासन व्यवस्था और संघात्मक व्यवस्था को स्वीकार किया 26 जनवरी 1950 को संविधान पूरी तरह से लागू किया गया 

Note - भारतीय संविधान के अनेक देसी और विदेशी स्रोत है लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव भारतीय शासन अधिनियम 1935 का है भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेद में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं जो 1935 ईस्वी के अधिनियम से या तो शब्दत  से के लिए किए गए हैं या फिर उसमें बहुत थोड़ा परिवर्तन किया गया हो।

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