प्रिय भाइयों ,
आज हम कफाला प्रणाली जो मिडिल ईस्ट की देशों में यह प्रणाली जो लागू है यहां मजदूर एवं विदेशों से गए हुए काम करने वाले मजदूर के लिए यह एक kafala कानून खत्म होने से वहां का तेज विकास हो पाएगा इसमें कतर, सऊदी अरब शामिल है इनका मुख्य रूप से तेल पर निर्भरता को खत्म करके इंडस्ट्रियल हब बनाने में योगदान के लिए kafala कानून को खत्म किया गया है ।
कपाला कानून विदेशों से आए हुए मजदूरों के लिए वहां पर काम करने वाले व्यक्ति बिना NOC के जरिए वह दूसरे काम में दूसरे कंपनी में काम नहीं कर सकते थे । वहां पर नियम को इतना सख्त कर दिया गया था कि जिस कंपनी में काम करने के लिए आप आए हैं , वहां काम करने के लिए आप बाध्य है । आप किसी दूसरी फैक्ट्री में नहीं कमा सकते हैं । लेकिन kafala प्रणाली को खत्म होने से मजदूरों को एक कंपनी से दूसरे कंपनी में जाने के लिए एनओसी मिलेगा और वहां की मजदूरों में उनकी आमदनी में इजाफा होगा , अच्छा मेडिकल सुविधा मिलेगी , अच्छा मजदूरी मिल पाएगा , काम करने कहीं भी काम करने की स्वतंत्रता होगी , उसके लिए कंपनी इन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्रोवाइड करायेगे । किसी भी समय घर आ सकते हैं और जा सकते हैं ।
जो 2014 में तकरीबन भारतीय मूल के 800000 कर्मचारी कार्यरत थे । आने वाले दिनों में काला कानून से मुश्किलें बढ़ी और मजदूरों की संख्या कम होती चली गई । एक सर्वे के मुताबिक 2018 में वहां लगभग 3.5 लाख कर्मचारी कार्यरत थे। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बहुत ही अच्छा काम किया,अब जब karona जैसा एक वैश्विक महामारी त्रासदी ने लोगों को पेट्रोल के उत्पादन को प्रभावित किया है । उनकी देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है । इस मजदूर कानून को ढीला करने से खत्म करने से वहां जाने वाले मजदूरों की संख्या में इजाफा होगी और उस देश का विकास ज्यादा तेजी से हो पाएगा और हमारे देश के लिए भी बहुत ही अच्छा लाभ मिलेगा।
जो हमारे भाई लोग वहां पर काम करते हैं , मिडिल ईस्ट में वहां से पैसे जो भेजते हैं, हमारे देश की आर्थिक हालात सुधरते हैं । हमारी देश की इकोनामी बढ़ती है , कतर और सऊदी अरब जैसे देश अगर इसे खत्म करते हैं तो सऊदी अरब, कतर के इर्द-गिर्द देश हैं वह भी प्रभावित होंगे और इस काला कानून कफाला प्रणाली को खत्म करेंगे इससे मजदूरों की बदहाली में खुशहाली आएगी। और अभी 2022 में फुटबॉल विश्व कप का आयोजन कतर में हो रहा है और मानवाधिकार का kafala प्रणाली के लागू होने से भी काफी आलोचना हो रही थी ।
kafala कानून 2021 में पूरी तरह से खत्म हो जाएगी । कपाला कानून खत्म हो जाने से चीन को भी सर दर्द हो जाएगा क्योंकि यहां जीडीपी में भी ग्रोथ आयेगी और विदेशी भंडारण की क्षमता भी बढ़ जाएगी । भारतीय मजदूर मल्टी परपस है। एक मजदूर कई काम को कर लेते हैं । यहां पर इंग्लिश भी टूटी-फूटी अच्छी बोल लेते हैं । लेकिन चाइना के जो मजदूर हैं उन्हें इंग्लिश बोलने नहीं आती उनको दिक्कत होती है हां यहां (चीन) का मजदूर जो हैं वह कुशल है ,स्किल वर्क अच्छा, पर यहां इंडिया का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगी चीन को सर दर्द बढ़ेगा।
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