Friday, 13 November 2020

Revolt before 1857

भारत की आजादी 1857 में हुए विद्रोह एक संगठित और एकजुट माना जाता था ।1857 के पहले भी आजादी की लहरें चली पर अंग्रेजों द्वारा इसे दबा दिया गया ।आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को ईश्वर का अवतार मानते हैं । यह झारखंड का मुंडा विद्रोह के संचालन कर्ता के रूप में बिरसा मुंडा थे जिनको हम जगतपिता के रूप में जानते हैं या इसे उलगुलान भी कहा जाता है । इसी तरह विद्रोह भारत के अलग-अलग हिस्सों में आजादी के लिए करते रहे और अलग-अलग विद्रोह के अलग-अलग नेता हुए जिनका कुछ तथ्य इस तरह है।

विद्रोह                       संबंधित व्यक्ति
खोंड विद्रोह         चक्र बिशोई ,राणा  कृष्ण दंड सेन 
फकीर विद्रोह        मजनू शाह, चिराग अली साह 
कूका विद्रोह           भगत जवाहरमल ,राम सिंह
खासी विद्रोह          सरदार तीरत  सिंह
बहावी विद्रोह         सैयद अहमद ,अब्दुल वहाब
चीचू  आदिवासी आंदोलन    मोतीलाल तेजावत
ताना भगत आंदोलन          जतरा भगत ,बलराम भगत
संथाल विद्रोह                 सिद्धू तथा कान्हू 

इसी तरह से देश के अलग-अलग हिस्से महाराष्ट्र, बंगाल, केरल , आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अलग-अलग कानून के विरुद्ध अलग-अलग विद्रोह हुए एवं उसका संचालन होते रहा और बलपूर्वक अंग्रेजों ने दबाने का प्रयास किया ।  ब्रिटिश सरकार धीरे-धीरे कमजोर पड़ती गई ।
  पर भारतीय स्वतंत्रता की जड़ें उतनी ही मजबूत होती गई भारत की आजादी में आदिवासियों का अहम योगदान रहा और उनके नेतृत्व में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए 

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